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वीरांगनाओं का इतिहास -लेखनी प्रतियोगिता -24-Feb-2022


आज चलो हम चलते हैं फिर इतिहास की ओर
जहाँ वीरांगनाओं की वीर गाथाएँ मचा रही शोर
उदात्त गुणों से हो परिपूर्ण दिलों में करतीं राज़
त्याग उनका भूल न सके हम कल हो या आज। 

बुंदेले हरबोलों ने सुनाई जिनकी अमर कहानी
अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाली थी एक मर्दानी।
कुटिल इरादों के साथ आए पड़ी मुँह की खानी 
अदम्य साहस की प्रतीक थी  लक्ष्मीबाई रानी।

अलाउद्दीन खिलजी ने भी खाई थी तब मात
जब चित्तौड़ की रानी पद्मिनी पर लगाई  घात।
लेकर जौहर खिलजी को किया  उसने आहत
अपने वंश के गौरव को  सूझबूझ से दी  राहत।

वीरांगनाओं में चमकता सितारा रानी दुर्गावती
मुगल शासक के विरुद्ध युद्धभूमि में रही डटी
झुकाया न सर शौर्य से अपना सम्मान बचाया
युद्ध की बलिवेदी पर मृत्यु को भी गले लगाया।

भूलूँ कैसे पन्ना धाय के त्याग की कहानी
कर्त्तव्य हेतु दी जिसने औलाद की कुर्बानी।
याद आए चित्तौड़ की शान रानी कर्णावती
हुमायूँ बना भाई धर्म आडम्बर की बदली गति।

भारत की यह धरती वीरांगनाओं से है सजी
कर्त्तव्य पथ पर चलते हुए हर सुख-सुविधा तजी
अद्भुत कार्यों से जिन्होंने सदा नई कहानी रची
सुनकर उनका बलिदान देशभक्ति दिल में जगी ।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल
नोएडा, उत्तरप्रदेश

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9 Comments

Arshi khan

03-Mar-2022 06:36 PM

Bahut khoob

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Abhinav ji

26-Feb-2022 08:55 AM

Nice one

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Zakirhusain Abbas Chougule

26-Feb-2022 12:58 AM

Wah wah bahut sundar Rachna

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